ज़हरीली कफ सिरप से बच्चों की मौत में गुजरात कनेक्शन का खुलासा
मध्यप्रदेश और राजस्थान में ज़हरीली कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत के मामले में अब गुजरात का कनेक्शन सामने आया है। जांच में पाया गया कि सिरप में इस्तेमाल हुआ जहरीला रॉ मटेरियल गुजरात की दो कंपनियों से सप्लाई हुआ था।

ज़हरीली कफ सिरप से बच्चों की मौत का गुजरात कनेक्शन? जांच में बड़ा खुलासा
मध्यप्रदेश और राजस्थान में ज़हरीली कफ सिरप से 18 मासूम बच्चों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मध्यप्रदेश में 14 और राजस्थान में 4 बच्चों की मौत के बाद जब जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जांच में पता चला कि ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप, जिसे तमिलनाडु की श्रीसॉन फार्मास्युटिकल कंपनी ने बनाया था, उसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला तत्व 48.6% तक पाया गया। यह रासायनिक तत्व किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, और बच्चों की मौतें इसी कारण से हुईं।
गुजरात से जुड़ा रॉ मटेरियल सप्लाई का मामला
मामले में नया मोड़ तब आया जब जांच में यह खुलासा हुआ कि इस कफ सिरप में इस्तेमाल हुआ कच्चा माल (Raw Material) गुजरात की दो कंपनियों ने सप्लाई किया था।
मध्यप्रदेश सरकार ने राजकोट हाईवे स्थित शेप फार्मा प्रा. लि. और रेडनेक्स फार्मास्युटिकल लि. को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
तपास में पाया गया कि DEG का स्तर निर्धारित 0.1% से कहीं ज्यादा है —
- शेप फार्मा में 0.616%
- रेडनेक्स फार्मास्युटिकल में 1.342%
इन दोनों कंपनियों की भूमिका को लेकर अब राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है।
तमिलनाडु से लेकर मध्यप्रदेश तक
जांच में सामने आया कि कोल्ड्रिफ सिरप का बैच तमिलनाडु से जबलपुर पहुंचा था। जबलपुर में कटारिया फार्मास्युटिकल डिस्ट्रीब्यूटर्स के ठिकानों पर छापेमारी भी की गई।
तमिलनाडु सरकार ने श्रीसॉन फार्मास्युटिकल पर छापा मारते हुए उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया और रिपोर्ट मध्यप्रदेश सरकार को सौंपी।
गुजरात सरकार ने भी की जांच शुरू
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बयान दिया है कि राज्य में भी जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि “कोल्ड्रिफ कफ सिरप का गुजरात में वितरण नहीं हुआ है।”
राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर 529 कफ सिरप निर्माताओं की जांच शुरू कर दी है। साथ ही बच्चों को कफ सिरप देते समय सावधानी बरतने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
क्या है डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG)?
कफ सिरप बनाने में सामान्यतः ग्लिसरीन या प्रोपिलीन ग्लाइकॉल (PG) का उपयोग द्रावक के रूप में किया जाता है। लेकिन लागत कम करने के लिए कुछ निर्माता डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद जहरीला होता है।
DEG का इस्तेमाल आमतौर पर पेंट, ब्रेक फ्लूइड और प्लास्टिक में किया जाता है — यानी यह मानव शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक रसायन है।
मॉनिटरिंग पर उठे सवाल
इस घटना के बाद गुजरात और देशभर में फार्मास्युटिकल मॉनिटरिंग पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या दवाओं के रॉ मटेरियल की पर्याप्त जांच होती है?
क्या लागत घटाने के लिए कंपनियां जान जोखिम में डाल रही हैं?
इन सवालों का जवाब अब सरकारी जांच पर निर्भर करता है।
18 मासूमों की जान लेने वाला यह कफ सिरप सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि देश की दवा नियामक व्यवस्था के लिए चेतावनी है।