वडोदरा में हेरिटेज टूरिज्म कॉन्क्लेव | लक्ष्मी विलास पैलेस बना केंद्र
वडोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस में 14वां अंतरराष्ट्रीय हेरिटेज टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित, सांस्कृतिक पर्यटन के नए रास्तों पर चर्चा हुई।
 
                                लक्ष्मी विलास पैलेस बना हेरिटेज टूरिज्म का ग्लोबल मंच, वडोदरा में आयोजित हुआ 14वां अंतरराष्ट्रीय हेरिटेज टूरिज्म कॉन्क्लेव!
वडोदरा | ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासतों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध लक्ष्मी विलास पैलेस शुक्रवार, 25 जुलाई को एक बार फिर वैश्विक आकर्षण का केंद्र बना, जब यहां 14वां अंतरराष्ट्रीय हेरिटेज टूरिज्म कॉन्क्लेव (International Heritage Tourism Conclave) का भव्य आयोजन किया गया। यह कॉन्क्लेव PHDCCI, भारतीय पर्यटन मंत्रालय, गुजरात टूरिज्म, IRCTC और Indigo के सहयोग से आयोजित हुआ।
कॉन्क्लेव की खास बात रही ‘PHDCCI-KPMG हेरिटेज टूरिज्म रिपोर्ट’ का विमोचन, जिसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के जरिए विरासत स्थलों के पुनरुद्धार की दिशा में नए आयाम सुझाए गए।
सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन के संगम पर चर्चा
इस कॉन्क्लेव में देश-विदेश से आए पर्यटन विशेषज्ञों, आर्किटेक्ट्स, इतिहासकारों, राजपरिवारों के प्रतिनिधियों, कुकिंग एक्सपर्ट्स और सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मंच पर गुजरात सरकार के पर्यटन सचिव श्री राजेन्द्र कुमार (IAS) ने कहा:
> “गुजरात में स्वतंत्रता के समय सबसे अधिक रियासतें थीं, जिसके कारण आज यहां दर्जनों किले, महल और विरासत संपत्तियां मौजूद हैं। इन स्थलों को अनुभवात्मक पर्यटन के माध्यम से पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।”
राजघरानों की सहभागिता
वड़ोदरा के महाराजा समरजीतसिंह गायकवाड़ और महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ ने हेरिटेज को जीवंत बनाए रखने के प्रयासों पर जोर दिया। वहीं, राजकोट की महारानी कादंबरीदेवी जाडेजा ने "Women as Custodians of Culture" विषय पर महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया।
जब विरासत बनी स्वाद की थाली
कॉन्क्लेव का एक आकर्षण रहा विशेष ‘गुजराती थाली’, जिसे शैफ प्रीतेश राउत ने तैयार किया। थाली में पारंपरिक व्यंजनों के जरिए सांस्कृतिक कहानी पेश की गई।
विरासत संरक्षण में तकनीक और कहानियों का संगम
विभिन्न सेशन्स में चर्चा हुई कि कैसे शेखावटी की हवेलियां, चांपानेर-पावागढ़ जैसे स्थल, विंटेज कार पर्यटन मॉडल, 3D तकनीक, और भारतीय पाक कला को हेरिटेज टूरिज्म का हिस्सा बनाकर लोकल को ग्लोबल बनाया जा सकता है।
क्या हुआ खास:
25+ B2B मीटिंग्स – हेरिटेज पर्यटन में निवेश बढ़ाने की कोशिश
लेखक अनिल मूलचंदानी ने कहा: “जब कहानियां, समुदाय और ढांचागत सुविधाएं साथ आती हैं, तो विरासत स्थलों में जान आ जाती है।”
पद्मश्री प्रो. पुष्पेश पंत, शैफ मंजित गिल और डॉ. कुरुष दलाल ने भारतीय रसोई को एक सांस्कृतिक धरोहर करार दिया।
समापन हेरिटेज वॉक के साथ
कॉन्क्लेव का समापन लक्ष्मी विलास पैलेस में हेरिटेज वॉक के साथ हुआ, जहां भारत की बहुआयामी संस्कृति, वास्तुशिल्प और परंपराओं की छाया में पर्यटन के भविष्य को लेकर संवाद हुआ।
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