Doha Diamond League: नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, करियर में पहली बार पार की 90 मीटर की दूरी
भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। दोहा डायमंड लीग 2025 के दौरान उन्होंने अपने करियर की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की। नीरज ने पहली बार 90 मीटर की दूरी पार करते हुए 90.23 मीटर भाला

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। दोहा डायमंड लीग 2025 के दौरान उन्होंने अपने करियर की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की। नीरज ने पहली बार 90 मीटर की दूरी पार करते हुए 90.23 मीटर भाला फेंका और पूरे देश को गौरव महसूस कराया।
तीसरे प्रयास में हासिल किया कमाल
नीरज ने कुल पांच प्रयास किए, जिनमें उनका तीसरा प्रयास सबसे शानदार रहा। इसी तीसरे थ्रो में उन्होंने अपने करियर की सबसे लंबी दूरी तय करते हुए भाला 90.23 मीटर दूर फेंका। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके करियर का मील का पत्थर है, बल्कि भारतीय एथलेटिक्स के इतिहास में भी एक नई लकीर खींचती है।
उनके अन्य प्रयासों की बात करें तो चौथे प्रयास में उन्होंने 80.56 मीटर की दूरी हासिल की। जबकि बाकी तीन प्रयास (पहला, दूसरा और पांचवां) फाउल रहे। इसका मतलब है कि नीरज के कुल पांच प्रयासों में से केवल दो वैध रहे, लेकिन उनमें से एक ने इतिहास रच दिया।
दूसरे स्थान पर किया समापन
इस ऐतिहासिक थ्रो के बावजूद नीरज चोपड़ा को प्रतियोगिता में दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। पहले स्थान पर चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च ने बाज़ी मारी, जिन्होंने 90.88 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
हालांकि, नीरज का प्रदर्शन किसी स्वर्ण से कम नहीं था। उन्होंने भारतीय खेल प्रेमियों के लिए वह पल लाया जिसका इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था—90 मीटर क्लब में शामिल होना।
90 मीटर क्लब में शामिल होने वाले पहले भारतीय
नीरज चोपड़ा अब उन चुनिंदा विश्व स्तरीय जेवलिन थ्रोअर में शामिल हो गए हैं जिन्होंने 90 मीटर की दूरी पार की है। इससे पहले भारतीय किसी एथलीट ने यह उपलब्धि हासिल नहीं की थी। यह साबित करता है कि नीरज न केवल भारत के बल्कि विश्व के शीर्ष जेवलिन थ्रोअर में गिने जाते हैं।
टोक्यो से दोहा तक का सफर
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2021 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। इसके बाद उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप और डायमंड लीग में भी शानदार प्रदर्शन किया है। दोहा में उनका यह प्रदर्शन उनके लगातार बढ़ते ग्राफ को दर्शाता है और यह भी संकेत देता है कि आने वाले ओलंपिक में वह एक बार फिर भारत का नाम रोशन कर सकते हैं।