आखिरकार कब कम होंगे टमाटर के दाम!
पूरे देश में दिन दिनों टमाटर के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। लगातार बढ़ रहे दामों के चलते आम आदमी की जेब पर अब दबाव भी बढ़ गया है। आखिरकार टमाटर के दाम कब नीचे आएंगे यह सवाल सभी के जेहन में आया है। इस साल लगातार बदल रहे मौसम के चलते फसल की पैदावार बहुत ही कम हुई है जिसके चलते किसानों को भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे देखा जाए तो टमाटर के लिए सही मौसम अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है। क्योंकि इस मौसम में टमाटर की फसल के लिए तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है। बड़ी जगहों पर जहां पर टमाटर की खेती की जा रही है वहां पर इस साल वायरस का भी बड़ा प्रॉब्लम सामने आया है। वहीं मौसम में भी लगातार 10 दिनों के बीच बदलाव देखने को मिल रहा है।
मौसम में कभी भारी गर्मी दर्ज की जा रही है जबकि कई बार बारिश दर्ज की जा रही है। मौसम की मार के चलते टमाटर की पैदावार करनी वाले किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। देखा जाए तो पिछले साल के मुकाबले एपीएमसी मार्केट में आ रहे टमाटर की आय में काफी कमी दर्ज की गई है। जिसके चलते पूरे देश में लगातार टमाटर के दाम बढ़ते जा रहे हैं।
टमाटर की खेत उत्पादों में वायरस की वजह से भी टमाटर के पौधों को भारी नुकसान इस साल हुआ है। अब जब पूरे देश में मॉनसून अपने चरम पर है तब टमाटर की फसल कर रहे किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद भी जगी है। जिसके चलते आने वाले 15 से 20 दिनों के भीतर एपीएमसी मार्केट में टमाटर की नई फसल आने की संभावना जताई जा रही है। एपीएमसी मार्केट के अध्यक्षों की माने तो आने वाले 20 दिनों के भीतर टमाटर के दाम नीचे आ सकते हैं। औसतन देखा जाए तो टमाटर के दामों में 10 से 12 दिनों तक या फिर ज्यादा से ज्यादा तर 20 दिनों तक ही वृद्धि देखी गई है। मौसम की मार और वायरस के चलते टमाटर की क्वालिटी में भी बदलाव देखा गया है। लेकिन अब जब बारिश अच्छी पूरे देश में हो रही है तब टमाटर की उत्पाद करने वाले किसानों में भी आने वाले समय में अच्छी फसल वापस पाने की आस जगी है। दाम बढ़ते हैं जब चीजों की बाजार में आई में कमी आती है इससे आम जनता का भी नुकसान होता है और किसानों का भी नुकसान होता है। लेकिन अब करीबन 15 से 20 दिनों के अंदर टमाटर के दाम एक बार फिर पहले जैसे होने की संभावना जताई जा रही है। मार्केट में टमाटर की आई धीरे-धीरे बढ़ रही है जिसके चलते टमाटर की मांग को लेकर अब पूरी तरह आपूर्ति सुचारू करने में 15 दिनों का वक्त लग सकता है।