1918 का इतिहास खुद को दोहरा रहा है: फ्लू महामारी में उस समय भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन था जरूरी

1918 का इतिहास खुद को दोहरा रहा है: फ्लू महामारी में उस समय भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन था जरूरी

दुनिया में ओमिक्रॉन वैरिएंट से आई लहर एक बार फिर इतिहास को दोहरा रही है. दरअसल 1918 में आई फ्लू महामारी में भी मास्क और सोसिअल डिस्टेंसिंग ही देखा गया था. ओमीक्रॉन की तरह 1918 में आए फ्लू में भी ज्यादातर युवा और स्वस्थ लोग संक्रमित हुए थे. 1918 में आई फ्लू महामारी भी हवा के ज़रिए फ़ैल रही थी.

एक जानकारी के मुताबिक उस समय सिर्फ 6 महीनो में फ्लू ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था. ओमीक्रॉन की तरह फ्लू में भी जुकाम और बुखार होता था. एक इतिहासकार के मुताबिक अक्टूबर 1918 में फ्लू का खौफनाक वेरिएंट सामने आया था जिसने अमेरिका में करीबन 2 लाख लोगो की जान ली थी वो भी सिर्फ एक महीने में. 1918 में उस वक्त की सरकार ने थिएटर, समेत के सार्वजनिक स्थलों को बंद रखने के आदेश दिए थे.

वही मास्क और सोसिअल डिस्टेंसिंग के लिए भी सख्त कानून बनाए गए थे. अगर को नागरिक मास्क के बिना घर के बहार निकलता था तो उसे जेल में डाल दिया जाता था. 1919 की शुरुआत में फ्लू के मामले कम होते गए और इसके साथे मोत की संख्या भी घटने लगी थी. उस समय दुनिया में करीबन 5 करोड़ लोगो ने फ्लू से अपनी जान गवाई थी.

उस वख्त वैज्ञानिको ने फ्लू की वैक्सीन बनाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें कामियाबी हासिल नहीं हुई थी. 1918 के बाद फ्लू का वायरस वातावरण में मौजूद ही रहा है जो अब तक है लेकिन अभी ये जानलेवा नहीं है, माना जा रहा है की कोरोना भी हमारे बिच फ्लू की तरह एक नॉर्मल वायरस की तरह बना रहने वाला है.