एक बाल्टी के लिए किन दो राज्यों की सेनाए आपसमे भिड़ी थी! इतिहास का एक सबसे अनोखा युद्ध

एक बाल्टी के लिए किन दो राज्यों की सेनाए आपसमे भिड़ी थी! इतिहास का एक सबसे अनोखा युद्ध

यु तो आपने दुनिया में कई युद्ध के बारे में सुना होगा, हर एक युद्ध का मकसद सत्ता या विस्तार पे कब्जे का ही आप समझते होंगे, पर इस खबर में आप ये जान के हैरान हो जाएंगे की एक बाल्टी के लिए इतिहास में दो राज्यों की सेनाओ के बिच युद्ध हुवा था, 
जिहां आपने सही पढ़ा, एक बाल्टी के लिए युद्ध लड़ा गया, 1325 ईस्वी की ये बात है, जिसमे इटली में धार्मिक तनाव की स्तिथि थी, यहाँ के दो राज्य बोलोग्ना और मोडेना में धार्मिक क्षेत्र की परिस्थितिया अलग थी, बोलोग्ना में जहा ईसाई धर्मगुरु पॉप को लोग पूजते थे वही मोडेना में रोमन सम्राट को लोग समर्थन देते थे. 

इस धार्मिक अनबन के बिच 1325 ईस्वी के समय में रिनाल्डो बोनाकोल्सी के शासन में मोडेना लगातार बोलोग्ना पे हमलावर रहा, एक समय मोडेना के कुछ सिपाही दबेपांव बोलोग्ना के किले में घुसते है, बड़ी मशक्कत के बाद उनकी नज़र एक लकड़ी की बाल्टी पे पड़ती है और सिपाही वो बाल्टी चुरा लेते है,
इतिहासकारो की माने तो उस बाल्टिमे हीरे जवाहरात भरे पड़े थे, जब ये बात बोलोग्ना की सेना तो पता चलती है तो उसे मोडेना की सेना के कब्ज़े से छुड़ाने के लिए कई रणनीति बनती है, 

पहले मोडेना से वो बाल्टी वापस मांगी जाती है पर मोडेना उसे वापस देने से साफ़ इनकार कर देता है, जिसके बाद युद्ध का एलान होता है, बोलोग्ना के पास सिपाहियों की तादात 32 हज़ार के करीब होती है और मोडेना के पास 7 हज़ार सैनिक होते है, इसमें भी हैरानी की बात ये होती है की कई घंटो तक चले युद्ध में कम योद्धा वाले मोडेना  बोलोग्ना को करारी शिकस्त देता है, युद्ध में कई हज़ार सिपाहीओ की मोत हो जाती है, 
इतिहास के पन्नो में "वॉर ऑफ़ द बकेट" या "वॉर ऑफ़ द ओकेन बकेट' के नाम से ये युद्ध दर्ज है, और आज भी वो बाल्टी म्यूज़ियम में मौजूद है जिसके लिए इतना बड़ा युद्ध हुआ