89 साल पहले का इतिहास एक बार फिर दोहराया गया कहा और कैसे जानिए इस खबर मे

भारतीय हवाई यातायात के अहम् श्रोत माने जाते हवाईजहाज उड़ान के पिता माने जाते जे.आर.डी टाटा ने आज ही के दिन यानि 15 अक्टूबर 1932 को कराची से मुंबई की पहली एयर सर्विस का विमान खुद उड़ाया था. वे मेल ले कर मुंबई पहोचे थे. उस वख्त सिंगल इंजन डी हैवीलैंड पस मोथ विमान का इस्तेमाल किया गया था. आज 89 साल के बाद भारत की आरोही पंडित जिन्होंने लाइट स्पोर्ट एयरक्राफ्ट से अटलांटिक और पेसिफिक समंदर को क्रॉस किया था.

वो पहली महिला पायलट थी जिस ने ये कारनामा किया था, उन्होंने आज भुज से मुंबई के बिच लाइट स्पोर्ट एयरक्राफ्ट के ज़रिए उड़ान भरी थी. भारत पाकिस्तान युद्ध में कच्छ के माधापर गांव की महिलाओने 72 घंटो में जिस हवाई पट्टी या कहे तो रनवे तो बनाया था वही से आरोही पंडित ने आज उड़ान भरी. आरोही करीबन 500 नॉटिकल माइल का फासला पांच घंटे में तय करेगी. आपको बतादे आरोही जिस एयरक्राफ्ट का उपयोग कर रही है उसमे कोई GPS,ऑटो पायलट या फिर कोई भी कम्यूटर से चलने वाले साधन नहीं है.

सिर्फ ग्राउंड रेफरन्स की मदद से आरोही पंडित 926 की.मि का फासला तय करने वाली है. ये आयोजन इंडियन वुमन पायलट एसोसिएशन और टाटा पावर की और से किया गया है. जिसमे 89 साल के ऐतिहासिक पल को एक बार फिर याद करने समेत 1971 के युद्ध में भुज में जिन महिलाओ ने रनवे बनाने का काम किया उन सभी को नमन किया गया था.

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